Monday, August 1, 2016

A sane voice raised by the Editor of "The Tribune" against the serial arrests of AAP legislators in Delhi by the BJP police

Dr. Harish Khare ने लिखा है कि दिल्ली में जो हो रहा है उस पर लोकतंत्र के समर्थकों को जरूर आवाज उठानी चाहिए।

New Delhi, Aug 01 : दिल्ली में पिछले कुछ महीनों में जिस तरह से और जिन आरोपों में AAP के विधायकों की गिरफ्तारी हुई है उसने पूरे देश का ध्यान खींचा है। केंद्र सरकार के अधीन आने वाली Delhi Police ने मामूली शिकायतों पर भी विधायकों को गिरफ्तार करने में जिस तरह की तेजी दिखाई उस पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। AAP के विधायकों पर जिस तरह के आरोप हैं उसी तरह के बल्कि कुछ मामलों में उससे भी गंभीर आरोप बीजेपी के कुछ सांसदों और विधायकों पर लगे हैं, ADR की रिपोर्ट इसका सबूत है, लेकिन इन लोगों की तो गिरफ्तारी नहीं हुई।

Aam Aadmi Party के पक्ष में अंग्रेजी अखबार The Tribune के Editor in Chief Dr. Harish Khare ने आवाज उठाई है। उन्होंने लिखा है कि AAP के विधायकों के साथ जो कुछ हो रहा है वो बहुत ही गलत और अनैतिक है और लोकतंत्र के हर समर्थक को इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। हालांकि Dr. Harish Khare ने ये भी साफ किया है कि वो AAP के समर्थक या प्रशंसक नहीं हैं। Dr. Harish Khare के इस लेख को दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ने ट्वीट किया है।

इस लेख में Dr. Harish Khare ने लिखा है कि ‘ मैं आम आदमी पार्टी का प्रशंसक नहीं हूं, मैं अरविंद केजरीवाल की लगातार विरोध और लड़ाई की राजनीति का भी समर्थन नहीं करता, ना ही इस पार्टी ने दिल्ली में कोई बहुत उल्लेखनीय प्रशासन दिया है, लेकिन मुझे लगता है कि इस पार्टी के साथ कहीं कुछ गलत हो रहा है, बाकी की सभी पार्टियां मिल कर केजरीवाल और उनकी पार्टी के खिलाफ गिरोहबंदी कर रही हैं।

हरीश खरे लिखते हैं कि जिस तरीके से बीजेपी, अकाली दल और कांग्रेस ने भगवंत मान के मुद्दे को लेकर एकजुटता दिखाई और उनके खिलाफ मोर्चा खोला वह बहुत ही गलत है। भगवंत मान ने संसद की सुरक्षा जैसे संवेदनशील मामले में वीडियोग्राफी करके मूर्खतापूर्ण कदम उठाया, लेकिन जरा उन बातों पर भी गौर कीजिए जो कि तकनीकि के कारण आज बहुत आसान हो गई हैं। आज गूगल मैप का युग है, इसके जरिए कोई भी कहीं की भी तस्वीरें आसानी से ले सकता है, हमारी संसद इससे अलग नहीं है।

हरीश खरे लिखते हैं कि किसी भी इमारत की सुरक्षा का मसला उन लोगों की पेशेवर कार्यकुशलता, उनकी सजगता पर निर्भर करता है जो कि इसकी सुरक्षा का जिम्मा संभालते हैं। वो ये भी लिखते हैं कि ये तीनों स्थापित पार्टियां AAP से इसलिए दुश्मनी महसूस करती हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी को ग्रामीण पंजाब में बहुत ही ज्यादा पसंद किया जा रहा है। तीनों पार्टियां AAP को इसलिए नहीं रोक पा रही हैं क्योंकि ये पार्टी खुद को भ्रष्टाचार विरोधी कहती है, और इस बात को काटने का उसके विरोधियों के पास कोई हथियार नहीं है।

वो लिखते हैं कि आम आदमी पार्टी लोगों की उस राजनीति के प्रति असहमति की उपज है जिसे कि पारंपरिक पार्टियां अब तक करती रही हैं। दिल्ली में इस पार्टी को जिस तरह की एकतरफा जीत हासिल हुई वो बीजेपी और कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब जरूर होगा, लेकिन ये पार्टी तभी तक जिंदा है, तभी तक सफल है जब तक कि देश में लोकतंत्र मौजूद है।

Dr. Harish Khare ने आखिर में लिखा है कि दिल्ली में जिस तरह से केंद्र की सरकार दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है और AAP के विधायकों को प्रताड़ित किया जा रहा है, उनको ‘शिकार’ बनाया जा रहा है, ये सभी लोकतांत्रिक आवाजों के लिए गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए। वहां जो हो रहा है वो निश्चित रूप से गलत और अनैतिक है।

मीडिया को लोकतंत्र का चौथा खंभा कहते हैं और इसका काम समाज को सूचना देने के साथ ही जागरूक करना भी होता है। इस संपादकीय के जरिए Dr. Harish Khare ने उन सवालों को उठाया है जो तमाम लोगों के जेहन में उठ तो रहे हैं लेकिन आवाज नहीं बन पा रहे हैं। निश्चित रूप से बीजेपी और केंद्र में बैठी सरकार को इस बारे में सोचना होगा, क्योंकि जनता को बहुत दिनों तक अनुत्तरित नहीं रखा

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